बय्या पकड़ गुरुदेव री

बय्या पकड़ गुरुदेव री....

बय्या पकड़ गुरुदेव री हो जावेगो भवपार रे,
भवसागर गहरो घणो गुरु बिन नहीं उतरे पार....

रोम-रोम में सुमिरण करतो, गाइजे हरि रो नाम रे,
वेद- सुरतियाँ गावे रे, प्रभु आसी थारे काम,
बय्या पकड़ गुरुदेव री......

गुरुदेव रो हर एक वाक्य मान तू ब्रहम रो आप रे,
आप्तवचन तू जान ले गुरु मुखसू जो निकले आज,
बय्या पकड़ गुरुदेव री......

विधि निषेध को धारण करके, करने हरजे एक काम रे,
फिर धोखो नाहीं खावे रे यो जीवन को है सार,
बय्या पकड़ गुरुदेव री......

गन्तव्य - मर्त्तव्य और मन्तव्य रो रखजे ध्यान रे,
साध्य साधना साधन है सर्वस्व समर्पण नाथ,
बय्या पकड़ गुरुदेव री......

रचनाकार - साध्वी देवपूजा जी
download bhajan lyrics (146 downloads)