श्याम धीरे से पकड़ो यह आंचल मेरा

श्याम धीरे से पकड़ो यह आंचल मेरा,
पांव यमुना में मेरा फिसल जाएगा,
रोज की दिल्लगी श्याम अच्छी नहीं,
कोई देखेगा तो भेद खुल जाएगा,
श्याम धीरे से....

श्याम तुमको मनाने को आई हूं मैं,
सग में माखन और मिश्री भी लाई हूं मैं,
श्याम जल्दी से खा लो यह माखन मेरा,
वरना सारा यह माखन पिघल जाएगा,
श्याम धीरे से....

तेरे मेरे रिश्ते को नजर ना लगे,
यहां दुश्मन हैं सारे ना कोई सगे,
श्याम काजल का टीका लगा लीजिए,
कोई देखेगा तो फिर मचल जाएगा,
श्याम जी धीरे से....

श्याम सिर से यह हाथ हटाना नहीं,
मेरा दुनिया में कोई ठिकाना नहीं,
तेरा क्या जाएगा मेरे भोले पिया,
मेरा बिगड़ा मुकद्दर संभल जाएगा,
श्याम धीरे से....
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