तेरे हाथों का खिलौना हूँ मैं साँवरा

तेरे हाथों का, खिलौना हूँ मैं साँवरा,
जैसे मर्ज़ी तूँ, मुझको नचाए जा l
मैं पतंग, तेरे हाथ मेरी डोर है,
चाहे काट दे याँ, अम्बर उड़ाई जा l
तेरे हाथों का खिलौना हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

तेरे लिए दिल ये, तड़पता है दाता मेरे,
"तेरे बिना, दिल बेसहारा ये" l
तेरे ही तो बाग़ का मैं, फूल हूँ ओ दाता मेरे,
"रहने दे, चरणों को थाम के" l
तेरी प्यारी सी, सूरत दिखलाए जा,
तेरी रहमतों को, यूँ ही छलकाए जा,
मैं पतंग, तेरे हाथ मेरी डोर है,
चाहे काट दे याँ, अम्बर उड़ाई जा,,,
तेरे हाथों का खिलौना हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

कुछ भी नहीं है मेरा, तेरा ही करम है ये,
"दुनियाँ जो, देती मुझे मान है" l
मैं हूँ सेवादार दाता, दर का भिखारी तेरे,
"यही मेरी, बाबा पहचान है"l
मेरे डालता, गुनाहों पे तूँ पर्दा,
मेरे ऐब मेरे, साँवरे छुपाए जा,
मैं पतंग, तेरे हाथ मेरी डोर है,
चाहे काट दे याँ, अम्बर उड़ाई जा,,,
तेरे हाथों का खिलौना हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

ज़िन्दगी  की राह पे जो, ठोकरें मिले तो मुझे,
"आ के लेना, साँवरे संभाल तूँ" l
बुरा भला जैसा भी हूँ, लाल तो मैं तेरा ही हूँ
"रख लेना, मेरा भी ख़याल तूँ" l
ये ही आस मेरे, बाबा तेरे दास की,
तेरी राहों पे, मुझको चलाए जा,
मैं पतंग, तेरे हाथ मेरी डोर है,
चाहे काट दे याँ, अम्बर उड़ाई जा,,,
तेरे हाथों का खिलौना हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल
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