चंडी है महाकाल कालिका

चंडी है महाकाल कालिका खप्पर वाली
रूप धरी विकराल कालिका खप्पर वाली
                 
खून से अपना खप्पर भरने चली दुष्टों का मां वध करने
लेके खड़ग विशाल
कालिका खप्पर वाली
               
भरली नेत्र में क्रोध की ज्वाला
डाली   गले   मुंडों  की  माला
बिखराए  है  बाल
कालिका खप्पर वाली
                 
रूप धरी काली का रण में
मारी रक्तबीज को क्षण में
की पांपी को निहाल
कालिका खप्पर वाली
               
अष्टभुजी    है    मातभवनी
सीता उमा है जग कल्याणी
काटे माया जाल
कालिका खप्पर वाली
download bhajan lyrics (596 downloads)