नाथ मोहे कैसे तारो गे

मेरा अवगुण भरा शरीर मिला न कोई गुरु न पीर,
नाथ मोहे कैसे तारो गे प्रभु जी मोहे कैसे तारो गे,

पानी गंदला साफुन थोड़ा सारा जीवन मैला,
पंच चोर बिन लागि नगरियां कैसे मन को धीर,
मिला न कोई गुरु न पीर,
प्रभु जी मोहे कैसे तारो गे,नाथ मोहे कैसे तारो गे
नाथ मोहे कैसे तारो गे प्रभु जी मोहे कैसे तारो गे,

मैं मैं करते जन्म गवाया धर्म कर्म न जाना,
मद माया में लिपट हो मेरी राम गोदता सीर,
मिला न कोई गुरु न पीर,
नाथ मोहे कैसे तारो गे प्रभु जी मोहे कैसे तारो गे,

हाड मॉस के इस पिंजर को लीपा पोती किनी,
मन मंदिर ना पूजा कीह्नी जिहने हिरदो शरीर,
मिला न कोई गुरु न पीर,
नाथ मोहे कैसे तारो गे प्रभु जी मोहे कैसे तारो गे,

देख न खाया छान ना पिया लुटा हित पराया.
तात पराई का ताक बेगैनी का तू रिश्ता भरा शरीर,
मिला न कोई गुरु न पीर,
प्रभु जी मोहे कैसे तारो गे,नाथ मोहे कैसे तारो गे
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