मेरे दिल की पतंग में माँ की

मेरे दिल की पतंग में माँ की डोर तू लगये देना,
कही और न उड़ जाये की झुंझनू उड़ाई देना,

ये मैया तेरी हो जाये डाल दे अपनी डोर जी,
और किसी की ना हो जाये खींच ले अपनी और जी,
तेरा होगा बड़ा एहसान के मंदिर तक पहुंचाए देना,
मेरे दिल की पतंग में माँ की डोर तू लगये देना,

अपनी ऊँगली से तू डोरी रोज हिलाते रहना जी,
तू अपने दरबार से इसको रोज नचाते रहना जी,
तुझे झुक झुक करे ये परनाम माँ इसको ये सिखाई देना,
मेरे दिल की पतंग में माँ की डोर तू लगये देना,

रखना अपनी नजर में मैया इधर उधर मुड जाए न,
तेरी चोकाठ छोड़ के किसी से पेच कही लड़ जायेना,
ये दुनिया बड़ी बइमान माँ दुनिया से बचाई लेना,
मेरे दिल की पतंग में माँ की डोर तू लगये देना,

जब तक है जिंदगानी मेरी,
पतंग कही कट जाए न ,
तेरे हाथ से डोर न छुटे ध्यान तेरा हट जाये न,
इस्पे वनवारी लिख दे तेरा नाम ये किरपा तू बरसाए देना ,
मेरे दिल की पतंग में माँ की डोर तू लगये देना,
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