भोले दिल मस्तानी का डोले

भोले दिल मस्तानी का डोले,
जब रूठ गये शिव शम्भु जा कैलाश पे गाड़े तम्भु,
दो बच्चो संग पार्वती को खोने चले शिव शम्भू,
भोले दिल मस्तानी का डोले....

तेरी भांग का भोला प्यारा,
तूने ये क्या है कर डाला छोड़ा किसके सहारे,
ये कंक काजाल से काला,
तू मालिक है इस बस्ती का तेरी पार पड़े न शिव शम्भू,
भोले दिल मस्तानी का डोले...

तू योगी बना तू भोगी,
न घर का न घाट का जोगी,
अब समब्लाओ अपनी गरस्ती छोड़ समाधि जोगी,
वो छोड़ के आई अपनों को माँ परवाती शिव शम्भू,
भोले दिल मस्तानी का डोले.....

क्यों भागे है त्रिपुरारी जग के तू पालनहारी,
अब घर घर है चर्चा तेरी ये दुनिया बिसारे ये सारी,
ऊँगली पर नचाने वालो को मौका मिला शिव शम्भू,
भोले दिल मस्तानी का डोले....

तेरी भांग कटी ना राते तब समज में आई बाते,
पारवती और बच्चे सजन याद है बहुत आते,
भाग लिए घर आपनो को गले लगाया शिव शम्भू,
भोले दिल मस्तानी का डोले.....
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