हे शम्भू शीश गंगधारी

हे शम्भू शीश गंगधारी तू बड़ा किरपावान,
तू ही संकट हारी तुझे कहे त्रिपुरारी करे जग कल्याण,
हे शम्भू शीश गंगधारी तू बड़ा किरपावान,

विश का तूने जग पान किया है,
नीलकंठ तेरा नाम हुआ है,
विश भोग तू हरता है सब के ओह गुण हारी तेरा नाम हुआ है,.
ओ शम्भू त्रिशूलधारी तू है देव महान,
तुझे कहे जटा धारी करे दुखो का निदान,
हे शम्भू...........

जिस ने भी तेरा ध्यान किया है बाबा बर्फानी तूने सब कुछ दिया है,
कालका भेह हुआ दूर उसका महाकाल का जिस ने जाप किया है,
हे नटराजा हे चन्दरधारी ॐ कारेस्वर किरपा न्यारी,
त्रिशूल धारी डमरूधारी  हे भूतो के नाथ प्रयणकरि,
हे शम्भू त्रि नेत्र धारी रखले भक्तो का मान,
तू है अभयंकारी करदे अभय प्रधान,
हे शम्भू...........

हम तो आस लिए तेरी आये है,
भाव भक्ति का कोई लाये है,
हे शम्भू तू है पाप हारी कर हारा उधार,
तू है कामहारी हारले क्रोध और काम,
हे शम्भू...........
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