जय माँ सकंदा माता

नवरात्रि के पांचवी स्कन्दा माता माहारानी।
इसका ममता रूप है ध्याए ग्यानी ध्यानी॥

कार्तिक्ये को गोद ले करती अनोखा प्यार।
अपनी शक्ति दी उसे करे रकत संचार॥

भूरे सिंह पे बैठ कर मंद मंद मुस्काए।
कमल का आसन साथ में उसपर लिया सजाए॥

आशीर्वाद दे हाथ से, मन में भरे उमंग।
कीर्तन करता आपका छाडे नाम का रंग॥

जैसे रूठे बालक की सुनती आप पुकार।
मुझको भी वो प्यार दो मत करना इनकार॥

नवरात्रों की माँ कृपा कर दो माँ।
नवरात्रों की माँ कृपा कर दो माँ॥

जय माँ सकंदा माता।
जय माँ सकंदा माता॥
download bhajan lyrics (1397 downloads)