कन्हैया तू तो है बड़ा चित चोर

ओ कान्हा, ओ कान्हा
ओ कान्हा, ओ कान्हा
कन्हैया तू तो है बड़ा चित चोर,
कन्हैया तू तो है बड़ा चित चोर,
मुझे खीचे जाए तेरी प्रेम डोर,
मन भागे रे वृंदावन की और,
कन्हैया तू तो है बड़ा चित चोर,
कन्हैया तू तो है बड़ा चित चोर,
मुझे खीचे जाए तेरी प्रेमडोर,
मन भागे रे वृंदावन की और,
कन्हैया तू तो है बड़ा चित चोर.....

जब तू बंसी अपनी बजाये,
मन ये क्या से क्या हो जाए,
जाने कैसी हूकउठाएं जाने कैसी पीर जगाएं,
सताए पीर सताए की फिर भी, मन यही चाहिए,
बहाये नीर बहाये ये नैना अति सुख पाये,
मुरलिया मन में उठाये ही लो,
मुरलिया मन में उठाये ही लो,
मुझे खीचे जाए तेरी प्रेम डोर,
मन भागे रे वृंदावन की और,
कन्हैया तू तो है बड़ा चित चोर.....

पीछे छूटी माया सारी,
आगे मन मोहन गिरधारी,
झूटी राग रीत सब झूटी,
आयी सच्चे प्रीत की बारी,
है सच्ची प्रीत तिहारी तुझी पे,
जो बल हारी,
मैं आऊ तुझमें समौ ओ राधे,
रास बिहारी,
सवारिय गली गली मच गया शोर,
सवारिय गली गली मच गया शोर,
मुझे खीचे जाए तेरी प्रेम डोर,
मन भागे रे वृंदावन की और……
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