जब जब नसीब रूठा

जब जब नसीब रूठा बादल गमो के छाए मुझे तुम याद आये,
ऐसे में दुःख का साथी जब एक भी न पाए मुझे तुम याद आये,

सारे जहाँ का मालिक परवर दीदार तू है,
किस्मत लगी यहाँ में यारो का यार तू है,
मेरी बेबसी के उपर जब लोक मुस्कराए मुझे तुम याद आये,

सुख की नहीं थी चिंता दुःख में ही जी रहा था,
आंसू मिले जो मुझको हस हस के पी रहा था,
जब सुख के यार सरे दुःख में हुए प्यारे मुझे तुम याद आये,

तेरी रहमतो पे मुझको बड़ा नाज श्याम बाबा,
मेरी मुश्किलों में राखी मेरी लाज श्याम बाबा,
घज सिंह के जब भजन ये आशु ने जब सुनाये मुझे तुम याद आये,

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