कौन सुनेगा रे मेरी तुम बिन कान्हा

कौन सुनेगा रे मेरी तुम बिन कान्हा कौन सुने,
तुम बिन कान्हा कौन सुने, तुम बिन कान्हा कौन सुने,
तुम बिन कान्हा कौन सुने, तुम बिन कान्हा कौन सुने,
मेरी तुम बिन कान्हा कौन सुने,
कौन गिनेगा रे, मेरी तुम बिन पिड़ा कौन गिने,
कौन सुनेगा रे मेरी तुम बिन कान्हा कौन सुने।

दर दर पर मैंने अर्जी लगाई, आकर तुमको पुकारा,
दुनिया से इंकार मिला है आखिर तेरा सहारा, आखिर तेरा सहारा.
कैसे बनेगा रे मेरा बिगड़ा नसीबा कैसे बने,
कौन सुनेगा रे मेरी तुम बिन कान्हा कौन सुने।

रो रो के फरियाद करूं मैं सुन ले लखदातारी।
अपना जानके तुझको बाबा मैंने अर्ज गुजारी, मैंने अर्ज गुजारी,
कैसे बसेगा रे मेरा उजड़ा गुलशन कैसे बसे,
कौन सुनेगा रे मेरी तुम बिन कान्हा कौन सुने।

किस दुनिया में तुम हो बाबा हारे के रखवाले,
हारा हुआ मैं शरण में आया जाऊं किसके द्वारे, जाऊं किसके द्वारे,
कैसे मिटेगा रे मेरा दुखड़ा बाबा कैसे मिटे,
कौन सुनेगा रे मेरी तुम बिन कान्हा कौन सुने।

तूने अगर इनकार किया तो किसको मुंह दिखलाऊं,
हर्ष पड़ा चरणों में बाबा अब ना लौट के जाऊं, अब ना लौट के जाऊं,
कौन कहेगा रे मुझे तुम बिन अपना कौन कहे,
कौन सुनेगा रे मेरी तुम बिन कान्हा कौन सुने।
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