सर्व सुख हरि शरणागत जान

जगत मे देखी झूठी शान                                                  
सर्व सुख हरि शरणागत जान

चाहे काशी मथुरा जावो,गंगा करो स्नान
त्रिवेणी तीर्थ मे न्हावो,करलो जतन तमाम

अलख तणो मानव तन मिलियो,अद्भुत रचना जान
खलक बीच मे खरच दियो है,पङी नही पहचान

हाथ पांव सु सुकृत करले,मुख से भजले राम
मन चंचल ने वस मे करले,हो जा तु उपराम

बार-बार तुमको समझावे,शास्त्र वेद पुराण
सदानन्द कहे राम सुमरता,कोङी लागे ना दाम


रचनाकार:-स्वामी सदानन्द जोधपुर
M.9460282429
श्रेणी
download bhajan lyrics (633 downloads)