तेरे दर पे आने को जी चाहता है

तेरे दर पे आने को जी चाहता है,
अपना बनाने को जी चाहता है,

दिलबर तुम ही हो तुम ही मीत प्यारे,
शरणागत के दाता तुम ही तो सहारे,
दिलो जान लुटाने को जी चाहता है,

स्वासो में बस गये दिल की हो धड़कन,
दिल है दीवाना ये यो झूम रहा है मन,
बलिहारी जाने को जी चाहता है,

मर्जी तुम्हारी आवो न आवो,
भूलता रहुगा चाहे जितना सताओ जितना सताओ,
तेरी बंदगी को ये जी चाहता है,
download bhajan lyrics (831 downloads)