मैं नीवी मेरा सतगुरु ऊँचा

मैं नीवी मेरा सतगुरु ऊँचा, ऊंचिया दे संग लाई
सदके जावां एहना ऊचिया तो जिन्हा निवेया नाल निभायी

जे मैं वेखा करम अपने, कुछ ना मेरे पल्ले
जे मैं वेखा रेहमत तेरी, बल्ले बल्ले बल्ले
मैं नीवी मेरा सतगुरु ऊँचा...

डोल रही सी नैया मेरी, उत्तो रात हेनरी
धन नी सईओ प्रीतम मेरे, जिनने बाह पकड़ लई मेरी
मैं नीवी मेरा सतगुरु ऊँचा...

माली बाग़ दी राखी करदा, फल कच्चे हों या पक्के
सतगुरु सब ते रेहमत करदा, चेला पक्का होवे या कच्चे
मैं नीवी मेरा सतगुरु ऊँचा...

दर तेरे मैं आई हां सतगुरु जी, शोभा सुनके तेरी
दर तेरे दी मैं बन गयी चाकर, लाज रखो हूँ मेरी
मैं नीवी मेरा सतगुरु ऊँचा...

हर घर में सतगुरु दा नज़ारा, पूर्ण सतगुरु मेरा
भवसागर से पार करेगा, सब दुनिया दा बेडा
मैं नीवी मेरा सतगुरु ऊँचा...

दासन दास अरज गुजारे, सुन लै सतगुरु मेरी
तेरे सिवाय मेरा होर न कोई, ओट लई गुरु तेरी
मैं नीवी मेरा सतगुरु ऊँचा...
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