हो जावे शुकराना ओह दा

हो जावे शुकराना ओह दा कलम बनाई काने दी,
सतगुरु मेरे चाभी दिति इक अनमोल खजाने दी,
हो जावे शुकराना ओह दा.......

आ भटक भटक के ज़िंदगी आकि हार किते ना पाई सी,
दर्शन करके प्यास भुजी है जींद मेरी तिरहाई सी,
नाम दी बक्शीश करके सतगुरु कड़ी फ़िक्र दीवाने दी,
सतगुरु मेरे चाभी दिति इक अनमोल खजाने दी,
हो जावे शुकराना ओह दा.......

चंगा किता मेरा मेरा माडा किता तेरा है,
दिल दे चीते चानन विच भी मन मंदिर विच नेहरा है,
भेस मेरे विच लोड मालका नाम वाले अफ़साने दी,
सतगुरु मेरे चाभी दिति इक अनमोल खजाने दी,
हो जावे शुकराना ओह दा.......

दिल करदा भूक भर भर भंडा तेरिया दितया दाता नु,
अपने घर दा राह सजा के बकश मेरे पापा नु,
सिधु हरसा सिफ़त करू गा तेरे हर नजराने दी,
सतगुरु मेरे चाभी दिति इक अनमोल खजाने दी,
हो जावे शुकराना ओह दा.......
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