मत मारो श्याम पिचकारी

मत मारो श्याम पिचकारी और मोरी भीगे चुनरियाँ सारी सारी रे,
मत मारो श्याम पिचकारी

घूँघट खोल गई मो से गोरी,
हस मुस्काये माली है मुख रोरी,
और लपक झपक मोरी भइयाँ मरोड़,गाइयो,
और छाती पे चलाइयो  हाथ मोहन माला तोड़ गयो,
मेरे संग की सहेली पीटे ताली,
मत मारो श्याम पिचकारी

कान्हा ने मोहे जान के अकेली,रस राँगनी सुनाई मोहे,
प्रेम में मगन भई वनवारी बनाये मोहे,
मेरी सारी सूरत बिगाड़ी श्याम पिचकारी,
मत मारो श्याम पिचकारी ......

केसर रंग कनक पिचकारी,
आये अचानक मेरे मुख पे मारी,
ऐसी मारी पिचकारी काँप उठी एक संग,
मोपे करि भरी जोरि ढाल के रंगेलो रंग,
मेरी सास लड़े गी देगी गाली,
मत मारो श्याम पिचकारी

उड़त गुलाल लाल भये बादल,
गूंज उठे यमुना के कादर,
भजत मिरदंग चंग ढप ढोलक खड़ताल,
होली को खिलाइयाँ पापु नाच रहो दे दे ताल,
खींचो लाला की रंगत न्यारी,
मत मारो श्याम पिचकारी
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