सखी री चल बरसाने की और

सखी री चल बरसाने की और,
महीना फागण को आयो री,
वहा अब मिले गए नन्द किशोर महीना फागण को आयो री,
सखी री चल बरसाने की और,

कोई तन रंगे कोई मन रंगे कोई श्याम रंग जीवन रंगे,
अरे सब न कशू न कशू रंगो मैंने रंग ली प्रीत की डोर,
अरी री सखी री चल बरसाने की और.........


कोई गिद्ध रंगे कोई गाली रंगे कोई मन में छवि निराली लगे,
थारे जापे तेरो रंग चङोन चढ़े रंग न कोई और,
सखी री चल बरसाने की और.......

कोई खाब रंगे कोई ख्याल रंगे कोई केसर बीच गुलाल रंगे,
अरे बरसाने की गलियां में आज हो रही जोरम जोर,
सखी री चल बरसाने की और,
श्रेणी
download bhajan lyrics (725 downloads)