दिल कहे भोले भोले

नमः नमः नमः नमः ओम नमः शिवाय...

सिर पे गंगा विराजे और हाथ में डमरू बाजे,
खाये भाँग के गोला गल में सर्प के माला सजे ॥
तीनो लोक के मालिक तुम हो तुमसे सब कुछ डोले,
दिल कहे भोले भोले....

नीलकंठ बनकर पी डाला तुमने विष का प्याला,
पर्वत बैठा धूनी रमाये पहने मृग का छाला ॥
धरती पे फिर पाप बढ़ा है नेत्र काहे न खोले,
दिल कहे भोले भोले....

तू ही औघड़ दानी बाबा तू ही पालनहार,
मुझपे दया बरसा दे हे शिव कर मेरा उद्धार ॥
तू चाहे तो सूखा पेड़ भी पल में हरियर होले,
दिल कहे भोले भोले....

स्वर-प्रियंका सिंह
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