पत्थर की सही मूरत तेरी

पत्थर की सही मूरत तेरी,
जिसके अंदर ऐसा दिल है,
करुणाका है सागर जिसमे फूलो से भी जो कोमल है,

बरसे जरा सीधी मुझको कान्हा कही लग जाती है,
मैंने देखा ये सँवारे आंखे तेरी भर आती है,
मेरे साथ रहे तू पल पल में,
पत्थर की सही मूरत तेरी,

करुणा भरी नजरे तेरी मुझपे सदा तू रखता है,
मांगे बिना दमान मेरा खुशियों से तू भर देता है,
एहसान बड़े तेरे मुझपर,
पत्थर की सही मूरत तेरी,

मेरे दोष भुला कर तुमने ही मुझको गले से लगाया है,
सोनू कहे तेरे चरणों में संसार का हर सुख पाया है,
रोशन हुआ मेरा जीवन है,
पत्थर की सही मूरत तेरी,
श्रेणी
download bhajan lyrics (789 downloads)