कान्हा मेरी गगरियाँ मत फोड़ो

कान्हा मेरी गगरियाँ मत फोड़ो,
अरे कंकड़ न मारो सोचो विचारों
बीच सडक पर गुलेल यु न चलाओ,
तरस हम पे खाओ,
गगरियाँ मत फोड़ो कान्हा मेरी,

छोड़े न राधा तुम्हे अब है अपना वादा,
यत्न करो चाहे जितने बहाने बनाओ,
भले ही इतराओ तुम्हे हम न छोड़े गे,
फोड़े गे हम गगरियाँ फोड़े गे,

बड़ा मजा आये गा जब तुम बीगो गई,
सुन्दरता में राधे रानी और निखरो गी,
देखे तुम कहा जाओगी,
हम से न बचो गी राधे,
उतना ही छेड़े गे हम जितना तुम चिलाओ गी,

पइयां पडू मैं विनती करू मैं,
कुञ्ज गलियां में ऐसे न कान्हा सताओ मान भी जाओ,
गगरियाँ मत फोड़ो कान्हा मेरी,
गगरियाँ फोड़े गे हम,

यत्न तुम्हारे राधा जायेगे बेकार,
कहते है हम से करो न टकरार,
गगरियाँ फोड़े गे हम,

मैया से शिकायत श्याम तेरी मैं करू गी,
तेरा लाल छेड़े साँची मैं कह दूंगी,
माँ से मैं भी कह दूंगा मुझको स्त्याए कितना ,
राह में गेरे तू मुझको नृत कराये कितना,
सुन लो कन्हियाँ जगत खिवैयाँ,
शार्दुल सूरयः पे अपनी भी किरपा बनाये रखना,
शरण में रखना भक्ति में हमे जोड़ो,
गगरियाँ मत फोड़ो,
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