माखन कान्हा नेक चखा दे,
बांसुरियां आज फिर सुना दे,
सोया है संसार नचादे,
पनहारी में प्रेम जगा दे,
मदन गोपाल वो प्यारी वो प्यारी तेरी छवि रे,
छवि बेमिसाल...
वो तेरा मटकी का गिरना,
राधा जी को खूब सजाना,
मईया के आगे इठलाना,
वृन्दावन में धूम मचाना,
जादू गरी चाल,
वो प्यारी तेरी छवि रे....
लेहरी दिल को क्या समजाओ,
हाल हुआ क्या मैं बतलाऊ,
बोल तुझे मैं कैसे मनाऊ,
हूँ जाये दीदार क्या गाउ,
प्यारे नन्द लाल,
वो प्यारी तेरी छवि रे