अष्टम महागौरी नवदुर्गा अवतार

अष्टम महागौरी नवदुर्गा अवतार

अष्टम महागौरी मैया ,नवदुर्गा अवतार।
आठवें नवरात्र इसी ,रूप का हो दीदार।।
कौशिकी अम्बा कालका ,पार्वती स्वरूप।
गौरी तन से प्रगटयो ,महासरस्वती रूप।।
सतचित आनंद रूपिणी ,परम सार को सार।
शिव शंकर अर्धांगिनी ,तीनलोक सरकार।।
शंख चन्द्र कुन्द पुष्प से ,बढ़कर गोरा रंग।
महागौरी श्वेतांबरा ,बरसे नित नवरंग।।
चत्रभुजी सिंहवाहिनी ,डमरू त्रिशूल हाथ।
वरमुद्रा में ही सदा ,देती दर्शन मात।।
घोर तपस्या से जभी ,कला पड़ गया रंग।
शिव ने गंगा जल से ,की गौरां गौरंग।।
परम मनोहर कांति ,मन मोहक श्रृंगार।
कंजक भवानी रूप में ,पूजत है संसार।।
महागौरी के दरस से ,धुल जाते सब पाप।
मिटते कष्ट कलेश सब ,मिट जाते त्रिताप।।
महागौरी आराधना ,करे जो पूजा पाठ।
"मधुप" उस पर हो सदा ,सुखों की बरसात।।
download bhajan lyrics (124 downloads)