माँ शारदे तू मेरे कंठ में विराजे

माँ शारदे तू मेरे कंठ में विराजे,
वंदन करूँ मैं तेरी हाथों में पुष्प साजे,
माँ शारदे तू मेरे कंठ में विराजे,
वंदन करूँ मैं तेरी हाथों में पुष्प साजे......

वीणा वादिनि माँ शारदे,
पुस्तक धारिणी माँ शारदे,
वीणा वादिनि माँ शारदे,
पुस्तक धारिणी माँ शारदे.....
त्रुटि पूर्ण वाणी मेरी इसको तू ही सुधारे,
माँ शारदे तू मेरे कंठ में विराजे,
वंदन करूँ मैं तेरी हाथों में पुष्प साजे.....

वीणा बजाकर माँ शारदे,
मेरा गीत अमर कर माँ शारदे,
वीणा बजाकर माँ शारदे,
मेरा गीत अमर कर माँ शारदे,
पुकारे ये भक्त तुझको, मन में तू ही विराजे,
माँ शारदे तू मेरे कंठ में विराजे,
वंदन करूँ मैं तेरी हाथों में पुष्प साजे......

पाप की कोई न हो बाते माँ,
बंधन न झूठ का हो कोई माँ,
पाप की कोई न हो बाते माँ,
बांध न झूठ का हो कोई माँ,
अज्ञान को मिटाकर मन ज्ञान तू ही भर दे,
माँ शारदे तू मेरे कंठ में विराजे,
वंदन करूँ मैं तेरी हाथों में पुष्प साजे......
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