बरस रहा रंग तेरे दरबार

बरस रहा, बरस रहा, बरस रहा,
बरस रहा रंग तेरे दरबार बरस रहा रंग तेरे दरबार,
हे मातारानी रंग दे मुझे ईक बार,
बरस रहा, बरस रहा, बरस रहा,
बरस रहा रंग तेरे दरबार बरस रहा रंग तेरे दरबार,
बरस रहा, बरस रहा, बरस रहा,
बरस रहा रंग तेरे दरबार बरस रहा रंग तेरे दरबार,
हे मातारानी रंग दे मुझे ईक बार,
बरस रहा रंग तेरे दरबार.......

रंगा जिस रंग में ध्यानु को तुमने,
वो ही रंग माँ मुझपे चढ़ा दो वो ही रंग माँ मुझपे चढ़ा दो
वो ही रंग माँ मुझपे चढ़ा दो
जैसे लगाई लग्न श्रीधर को,
वैसी लग्न मैया मुझको लगा दो वैसी लग्न मैया मुझको लगा दो,
वैसी लग्न मैया मुझको लगा दो,
चढ़े माँ ऐसी तेरे नाम की मस्ती,
चढ़े माँ ऐसी तेरे नाम की मस्ती, भूलू मैं कुल संसार,
बरस रहा, बरस रहा, बरस रहा,
बरस रहा रंग तेरे दरबार,
बरस रहा रंग तेरे दरबार,
हे मातारानी रंग दे मुझे ईक बार,
बरस रहा, बरस रहा, बरस रहा,
बरस रहा रंग तेरे दरबार,
बरस रहा रंग तेरे दरबार,
बरस रहा रंग तेरे दरबार....

जिन पर चढ़ जाये रंग तुम्हारा,
और ना रंग कोई उन पर चढ़ता
और ना रंग कोई उन पर चढ़ता
और ना रंग कोई उन पर चढ़ता
दिनो दिन पक्का होता ही जाता,
कभी भी फीका वो ना पड़ता,
कभी भी फीका वो ना पड़ता,
कभी भी फीका वो ना पड़ता,
उन्हें किसी जन्न्त की हो ना,
उन्हें किसी जन्न्त की हो ना,
मिलता है जिन्हें तेरा प्यार,
बरस रहा, बरस रहा, बरस रहा,
बरस रहा रंग तेरे दरबार,
बरस रहा रंग तेरे दरबार,
हे मातारानी रंग दे मुझे ईक बार,
बरस रहा, बरस रहा, बरस रहा,
बरस रहा रंग तेरे दरबार,
बरस रहा रंग तेरे दरबार,
बरस रहा रंग तेरे दरबार....

प्रभु ने रंग यहाँ सात बनाये,
पर तेरे रंग गिने नही जाते,
पर तेरे रंग गिने नही जाते,
पर तेरे रंग गिने नही जाते,
तेरा हर रंग अदभुत विरला,
जिसे विधाता समझ नही पाते,
जिसे विधाता समझ नही पाते,
जिसे विधाता समझ नही पाते,
लीला अनंत तेरी लाल चोलेवालियें,
लीला अनंत तेरी लाल चोलेवालियें,
महिमा है अपरम्पार,
बरस रहा, बरस रहा, बरस रहा,
बरस रहा रंग तेरे दरबार,
बरस रहा रंग तेरे दरबार,
हे मातारानी रंग दे मुझे ईक बार,
बरस रहा, बरस रहा, बरस रहा,
बरस रहा रंग तेरे दरबार,
बरस रहा रंग तेरे दरबार,
बरस रहा रंग तेरे दरबार....

जितने निर्दोष रंग तू दिखाती,
हे मेरी मैया तेरा क्या कहना,
हे मेरी मैया तेरा क्या कहना,
हे मेरी मैया तेरा क्या कहना,
हमें जिस रंग में रखोगी माता,
हमने राजी उसी में रहना,
हमने राजी उसी में रहना,
हमने राजी उसी में रहना,
पल में वीराना सबको बना के,
पल में वीराना सबको बना के,
ऐसे तेरे रंगों की फुहार,
बरस रहा, बरस रहा, बरस रहा,
बरस रहा रंग तेरे दरबार,
बरस रहा रंग तेरे दरबार,
हे मातारानी रंग दे मुझे ईक बार,
बरस रहा, बरस रहा, बरस रहा,
बरस रहा रंग तेरे दरबार,
बरस रहा रंग तेरे दरबार,
बरस रहा रंग तेरे दरबार.......
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