माँ का नौ दिन का लगा दरबार

माँ का नौ दिन का लगा दरबार मैं छम छम नाचूँगी,
मंदिर में आयी बहार मैं छम छम नाचूँगी…………

पहले नवरात्रे को मंदिर में आई,
माँ ने सिर पर रख दिया हाथ मैं छम छम नाचूँगी,
माँ का नौ दिन का लगा दरबार मैं छम छम नाचूँगी,
मैं छम छम नाचूँगी…………

दूजे नवरात्रे को मंदिर में आई,
माँ ने पढ़ लिया दिल का हाल मैं छम छम नाचूँगी,
माँ का नौ दिन का लगा दरबार मैं छम छम नाचूँगी,
मैं छम छम नाचूँगी…………

तीजे नवरात्रे को मंदिर में आई,
माँ ने दे दिया आशीर्वाद मैं छम छम नाचूँगी,
माँ का नौ दिन का लगा दरबार मैं छम छम नाचूँगी,
मैं छम छम नाचूँगी…………

चौथे नवरात्रे को मंदिर में आई,
माने कर दिया अमर सुहाग मैं छम छम नाचूँगी,
माँ का नौ दिन का लगा दरबार मैं छम छम नाचूँगी,
मैं छम छम नाचूँगी……
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