नाग नथिया नन्द किशोर मदन मुरारी माखन चोर

नाग नथिया नन्द किशोर मदन मुरारी माखन चोर,
मन मोहन मुरली धर कन्हिया गोपाला गो वाला चोर,
बंसी वाले जाने कितने नाम है तेरे सबसे ही निराले जग से काम है तेरे,

भरी सभा में दुर्सशन ने दरोपति मान घटाया था,
तब तूने ही चीर चुरिया उसका चीर भडाया था,
जय हो  जय हो जय हो तेरी कृष्ण कन्हिया,
तू है गोपियों का रास रचिया,
तू राधा का श्याम है मीरा का घनश्याम है,
देवकी नंदन बांके भिहारी तू कुल की शान है,
बंसी वाले जाने कितने नाम है ते.......

मित्र सुधामा के घर गम की बदली छाई थी,
तब तूने ओ केशव कुटिया महल बनाई थी,
ओ बनवारी तेरी है लेला नयारी,
बंसी बजैया तू ही गिरधर गोपाल है,
तू यशोदा का लाल है, तू गिरघर गोपाल है,
तू अर्जुन का सारथि कान्हा तू ही नन्द का लाल है,
बंसी वाले जाने कितने नाम है ते.....
श्रेणी
download bhajan lyrics (860 downloads)