मेरे मन के मन्दिर में माँ वेगि आओ

मेरेे मन के मंदिर में माँ वेगि आओ,
हृदय बीच आकर के आसन लगाओ,
बोलो जय माता जय माता जय माता,
बोलो जय माता जय माता जय माता....

तुम्हारी कृपा है तो माँ मुझको डर क्या,
माँ चाहो जिसे तुम उसे फिर कमी क्या,
हे जग की भवानी......
हे जग की भवानी हे बुद्धि की दाता,
मुझे माँ की अपनी शरण से लगाओ,
हृदय बीच आकर के आसन लगाओ,
बोलो जय माता जय माता जय माता,
बोलो जय माता जय माता जय माता....

है अपना हरेक पुत्र माँ तुझको प्यारा,
है भटके हुओं का माँ तू ही सहारा,
तुझे कोई अपना....
तुझे कोई अपना न कोई पराया,
तुम्हें कोई भूले पर तुम ना भुलाओ,
हृदय बीच आकर के आसन लगाओ,
बोलो जय माता जय माता जय माता,
बोलो जय माता जय माता जय माता.....

है क्या पास मेरे करूँ तुझको अर्पित,
है चरणों में तेरे माँ तन-मन समर्पित,
मैं क्या भेट तुझको.......
मैं क्या भेट तुझको ओ माता चढ़ाऊँ,
करूँ कैसे पूजा माँ मुझको बताओ,
हृदय बीच आकर के आसन लगाओ,
बोलो जय माता जय माता जय माता,
बोलो जय माता जय माता जय माता ....

मेरे मन के मंदिर में माँ वेगि आओ,
हृदय बीच आकर के आसन लगाओ,
बोलो जय माता जय माता जय माता,
बोलो जय माता जय माता जय माता....

गायक एवं रचनाकार -मनोज कुमार खरे
download bhajan lyrics (359 downloads)