कबसे खड़ी हूँ थारे द्वार पे

कबसे खड़ी हूँ थारे द्वार पे,
म्हारा खाटू वाला श्याम,
ओ म्हारा नीले वाला श्याम,
दर्शन के लेके मन में आस, बाबाजी,
दर्शन के लेके मन में आस, बाबाजी।

जबसे थारी मेहर हुई है,
होग्या सारा काम,
जब से थारी मेहर हुई है,
होग्या सारा काम,
हारया हुआ को साथ निभावे,
म्हारो बाबो श्याम,
हारया हुआ को साथ निभावे,
म्हारो बाबो श्याम,
जल्दी सी मनस्या पूरी कर दयो जी,
म्हारा खाटू वाला श्याम,
ओ म्हारा नीले वाला श्याम,
दर्शन के लेके मन में आस, बाबाजी,
दर्शन के लेके मन में आस, बाबाजी।

दर्शन खातिर आवे दर पे,
लाखों नर और नार,
सबकी नैया थे ही चलाओ,
नीले का असवार,
म्हने भी बसा लो खाटू धाम में,
म्हारा खाटू वाला श्याम,
ओ म्हारा नीले वाला श्याम,
दर्शन के लेके मन में आस, बाबाजी,
दर्शन के लेके मन में आस, बाबाजी।

रोज सवेरे उठ कर बाबा,
करूँ मैं थारो ध्यान,
कहे अवि थे राख ज्यो बाबा,
हर प्रेमी को मान,
बेगा सुणों निशा की विनती,
म्हारा खाटू वाला श्याम,
ओ म्हारा नीले वाला श्याम,
दर्शन के लेके मन में आस, बाबाजी,
दर्शन के लेके मन में आस, बाबाजी।

कब से खड़ी हूँ थारे द्वार पे,
म्हारा खाटू वाला श्याम,
ओ म्हारा नीले वाला श्याम,
दर्शन के लेके मन में आस, बाबाजी,
दर्शन के लेके मन में आस, बाबाजी।
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