सदा तुम आनंदे मूर्ति आरती

सदा तुम आनंदे मूर्ति
हो सदा तुम आनंदे मूर्ति
सत्य धर्म परमाण
अनुभव की आरती
जय देव जय गुरुदेव

काया कंचन थाल
जिसमे पांच पच्चीस बाती
मन दिवला लगी ज्योत
बिन तेलो बाती
जय देव जय गुरुदेव

घंटा बाजे अनहद नाद
सूरत निरत जहा रहे लिपटी
गगनो में झनकार रचना है मोटी
जय देव जय गुरुदेव

अष्ट कमल परकाश
आत्मा झलके रवि हो शशि
भवर गुफा निज धाम
धारा बह उलटी
जय देव जय गुरुदेव

किजो अमीरस पान
स्नान कीजो नित हो उठी
छः सौ इक्कीस हजार
बिन किरभा की
जय देव जय गुरुदेव

अष्ट पहर दिन रेन
शिव रचना मोटी
हो रामा सोहम रचना मोटी
यो भेद विरला जाने
बाबा ब्रम्हगीर करे आरती
जय देव जय गुरुदेव

प्रेषक प्रमोद पटेल
यूट्यूब पर
1.निमाड़ी भजन संग्रह
2.प्रमोद पटेल सा रे गा मा पा
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