मोरछड़ी जद लहरावे

मोरछड़ी जद लहरावे तो भगता की विपदा भागी
मोरछड़ी की महिमा भारी भगता ने लागे प्यारी
मोरछड़ी जद लहरावे तो भगता की विपदा भागी

इक सहारो थारो बाबा म्हाने क्यों तरसावे है,
कद सु थारी टेर लगावा क्यों न दर्श दिखावे है,
माया ममता की गलियां में तेरा लाल या विशियो में
हो अब तो सुन ले लखदातरी मोरछड़ी लेहरा दे
थारी मोरछड़ी जद लहरावे तो भगता की विपदा भागी

शरनाघत की लाज बचावो मोरछड़ी थारी लहराओ ,
भट्कयोडा ने राह दिखाओ बेडो पार लगाओ जी
के हो साथी हारेया का बाजी म्हारी हारी हो
मोरछड़ी जद लहरावे तो भगता की विपदा भागी

श्याम बहादुर आलू सिंह जी थारे देर लगाई जी,
हो लीले चढ़ के दोडा आया पल में करी सुनवाई जी,
झर झर मेरे पाँव सम्बालो चरणों की छाव पे बिठालो जी
मंगत की भी विनती सुन लो हो नीले असवारी हो
मोरछड़ी जद लहरावे तो भगता की विपदा भागी
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