जय हो देवो का सरताज

सब से पेहलेया थाणे मनावा जय हो देवो का सरताज
गुंद गुदाना सुन्द सुंडाला लम्बोदर महाराज जय हो देवो का सरताज

गंगा जल से अस्नान करावा केसर चन्दन तिलक लगावा
रंग बिरंगा फुलदा लाया वा सजा सजा थाणे पहनावा,
रिधि सीधी थारे संग में सोहे रंतभवर महाराज
जय हो देवो का सरताज

कानो में तेरे कुंडल सोहे हाथो में थारे परसों सोहे
मुसन की असवारी थारे नैना में काजलियो सोहे
चोंकी पर सिंगासन जा पर बेठेया हे घनराज
जय हो देवो का सरताज

नाचा गावा भजन सुनावा झूम झूम कर थाणे रिजावा
मोदक को थारे भोग लगावा हिल मिल कर थारा गुण गावा
लम्भोधर घज बदन विनायाक राखो माहरी लाज
जय हो देवो का सरताज

अनधन में प्रभु वरकत देवो विद्या में बड़ा निपुण हो
सब देवा में बड़ा बनावो नाम घ्जानंद पा ही गये हो
दूर करो प्रभु कष्ट हे सारा आओ घ्जानंद आज
जय हो देवो का सरताज
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