सुनो जी प्रभु विनती मोरी इक

सुनो जी प्रभु विनती मोरी इक मोहे दर्शन न दीजियो जी
दर्श मिले से मिट जायेगी तोहे दर्श की प्यास,
सुनो जी प्रभु विनती मोरी इक मोहे दर्शन न दीजियो जी

धर्म कर्म की बाते कुछ भी समज न मेरी आवे
जन्म क्या है और मुक्ति क्या है कौन मुझे समजावे,
इतना जानू तेरे मिलन की प्यास बड़ी अरदास
मोहे दर्शन न दीजियो जी

मैं चातक तुम स्वाति प्रभु जी हर पल ध्यान तुम्हारा,
तेरी प्रतीक्षा तेरी लगन में गुजरा जीवन सारा,
रहकर दूर भी तुझको पाया हर पल अपने पास,
मोहे दर्शन न दीजियो जी

दर्श की आशा वो ही करे तुम जिनसे दूर घनेरे,
हरश में हर पल ठाकुर तुम तो मन में वसे हो मेरे,
जब जब अपने मन में झाँकू पाउ दर्श हर बार,
मोहे दर्शन न दीजियो जी
श्रेणी
download bhajan lyrics (736 downloads)