श्री भगवत भगवान की है आरती

श्री भगवत भगवान की है आरती
पापियों को पाप से है तारती

ये अमर ग्रन्थ ये मुक्ति पन्थ,
ये पंचम वेद निराला,
नव ज्योति जलाने वाला ।
हरी नाम यही हरी धाम यही,
यही जग मंगल की आरती
पापियों को पाप से है तारती ॥

ये शान्ति गीत पावन पुनीत,
पापों को मिटाने वाला,
हरि दरश दिखाने वाला ।
यह सुख करनी, यह दुःख हरिनी,
श्री मधुसूदन की आरती,
पापियों को पाप से है तारती ॥

ये मधुर बोल, जग फन्द खोल
सन्मार्ग दिखानेवाला,
बिगड़ी को बनानेवाला ।
श्री राम यही, घनश्याम यही,
यही प्रभु की महिमा की आरती
पापियों को पाप से है तारती ॥
श्रेणी
download bhajan lyrics (6366 downloads)