थारो सुंदरियों यो शृंगार दाती मंडो हरे

थारो सुंदरियों यो शृंगार दाती मंडो हरे,
मंडो हरे माहरो मंडो हरे,
थारो सुंदरियों यो शृंगार दाती मंडो हरे,

वेश कुसुमल टिके रोली को थारे माँ,
मांग में सोहे है सिंदूर ,थारो सुंदरियों यो शृंगार दाती मंडो हरे,

हीरे की नथ थारे नाक माँ सोहे माँ,
गल विच मोतियों हार थारो सुंदरियों यो शृंगार दाती मंडो हरे,

लाल सुरंगी चुन्नी सिर पर सोवे माँ,
मेहँदी की अजब बहार थारो सुंदरियों यो शृंगार दाती मंडो हरे,

देखे रमेश थारे मुखड़े की आमाल माँ,
शीश निभावे वारम वार थारो सुंदरियों यो शृंगार दाती मंडो हरे,
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