गुरु बिन कौन बतावे बाट
बड़ा विकिट यम घाट
भ्रान्ति की पहाड़ी, नदिया बीच में
अहंकार की लाट ।
बड़ा विकिट यम घाट...
काम क्रोध दो पर्वत ठाड़े,
लोभ चोर संघात ।
बड़ा विकिट यम घाट...
मद मक्षर का मेधा बरसत
माया पवन बह जाए
बड़ा विकिट यम घाट...
कहत कबीर सुनो भाई साधो,
क्यों तरना यह घाट
बड़ा विकिट यम घाट...
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