मेरे मन की हर लो वाधा

मेरे मन की हर लो वाधा सवामणी श्री राधा,

मेरे भी तू भाग्ये जगा दो इक झलक श्यामा दिखला दो,
नहीं मांगू मैं तुम से ज्यादा
सवामणी श्री राधा.........

बलिहारी मैं जाऊ नैनं की बलहारी में छटा पे होती रहु,
कभी भूलू न नाम तुम्हारा श्री जी चाहे जागृत सवपन में सोती रहु,
श्री राधे ही राधे पुकारा करू नित आँखों से अश्रु में धोती रहु,
ब्रिज रानी तुम्हारे वियोग मैं बस यु ही निरन्त गाती रहु,

किरपामई श्री राधा रानी किरपा तुम्हारी हम को पानी,
नहीं मांगू मैं तुम से ज्यादा,
सवामणी श्री राधा..........

साधन नहीं साधना हो तुम,
प्रेम से बड़ी प्राथना हो तुम,
हमे गाये राधा राधा,
सवामणी श्री राधा,
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