मटकी फोडै दही खोसलै

तर्ज: मेरे पाछै पाछै आवण का भला कोणसा मतलब तेरा सै

जब जाऊँ पनघट की डगरिया मिलै कन्हईया तेरा सै,
मटकी फोडै दही खोसलै संग यारां नै लेरया सै,

मेरी दही खोसली सारी और पकड़ कलाई मोड़ी री ,
वो लाग्या करण हंगाई हाथां की चूड़ी फ़ोड़ी री,
अंगीया चोली भे दी उसनै रंग दिया सारा चेहरा सै,
मटकी फोडै दही ...........

मनै बहोत घणा समझाया वो मान्या कोन्या बात री,
वो फोड़ कै मटकी भाज्या फेर आया फेर आया कोन्या हाथ री,
पह्ल्यां तो था चोर आज पर उसनै डाक्का गेरया  सै,
मटकी फोड़ै दही ............

एक नही दो चार नही वो कठ्ठे बीस मलंग थे री,
जितने चोर उचक्के गाम के सारे उसके संग थे री,
ईब बी समझ नही कुछ बिग्ड्या बस यो ही संदेशा मेरा सै,
मटकी फोड़ै दही खोसलै ......

तू कान खोल कै सुण ले मै साफ साफ एक बात कहूं ,
जो होणी थी सो होली ईब ओर बात ना एक सहूं ,
सुरेश भाणा " खड़या था जड़ मै वो मेरी गवाही देरया सै ,
मटकी फोड़ै दही  ........
श्रेणी
download bhajan lyrics (796 downloads)