मुझे हर कदम पे है मोहन की छाया

मुझे हर कदम पे है मोहन की छाया,
जगे भाग मेरे तुझे मैंने पाया,
मुझे हर कदम पे है मोहन की छाया,

भटकता रहा मैं कहा से कहा तक ना मंजिल कोई थी न साथी मेरा तब,
तभी काम मेरे मेरा श्याम आया,
जगे भाग मेरे तुझे मैंने पाया,
मुझे हर कदम पे है मोहन की छाया,

ये बंधन है झूठे जो कहते थे अपने वो साथी भी झूठे,
मुझे सँवारे ने गले से लगाया,
जगे भाग मेरे तुझे मैंने पाया,
मुझे हर कदम पे है मोहन की छाया,

ना कहता  किसी की बाते है मेरी,
बदल ही गई आज दुनिया ही मेरी,
पंकज को अपना दीवाना बनाया,
जगे भाग मेरे तुझे मैंने पाया,
मुझे हर कदम पे है मोहन की छाया,
download bhajan lyrics (701 downloads)