जाऊँ कहाँ तजि चरन तुम्हारे

जाऊँ कहाँ तजि चरन तुम्हारे,
काको नाम पतित पावन जग,केहि अति दीन पियारे,

कौन देव बिराई बिरद हित,हठि हठि अधम उधारे,
खग मृग व्याध पाषाण बिटप जड,यवन कवन सुर तारे,
जाऊँ कहाँ तजि चरन तुम्हारे.....

देव दनुज मुनि नाग मनुज सब,माया बिबस बिचारे,
तिनके हाथ दास तुलसी प्रभु कहां अपनपौ हारे,
जाऊँ कहाँ तजि चरन तुम्हारे......

गोस्वामी तुलसीदास
गायक -राजकुमार भारद्वाज
श्रेणी
download bhajan lyrics (963 downloads)