गंगा जी में डुबकी लगा ले

माँ गंगे माँ गंगे माँ,
लगा कुंभ का मेला भारी चल कर रे ले असनान जरा,
गंगा जी में डुबकी लगा ले जग जायेगा भाग तेरा,

यहाँ हर हर गंगे बोले सब ऋषि मुनि और ग्यानी,
है प्राग राज के तट भी सारे जग में अमर कहानी,
सभी देवता देविया आते लेले आशीर्वाद जरा,
गंगा जी में डुबकी लगा ले जग जायेगा भाग तेरा,

हे माग महीना पावन यह जो आशनां करेगा,
जो सुबह सवेरे उठ कर हर हर गंगे कहे गा,
भागी रथ के कुल के तारे हर लेगी माँ कष्ट तेरा,
गंगा जी में डुबकी लगा ले जग जायेगा भाग तेरा,

लगे बारहा साल में मेला फिर क्यों तू समय गवाये,
जो नर तन तूने पाया क्या बार बार ये पाये,
वो मोक्श दायनी गंगा माँ है हो जाए उधार तेरा,
गंगा जी में डुबकी लगा ले जग जायेगा भाग तेरा,

है संगम नगरी प्यारी यहाँ नागा साधू आते,
शाही आशनां है करते भक्तो को दर्श दिखाते,
गंगा यमुना  सरस्वती देखि गिरी संगम ये जरा,
गंगा जी में डुबकी लगा ले जग जायेगा भाग तेरा,
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