गंगा यमुना सरस्वती संगम की महिमा निराली

गंगा यमुना सरस्वती संगम की महिमा निराली,
इनके तट पर लगा है कुंभ का मेला भारी,
आया मेला कुंभ का आया सबको अमृत पिलाने आया,

माघ मॉस में सूरए देव जब मकर राशि में आते,
तीर्थ राज प्राग में पावन कुंभ का योग बनाते,
देव दान मोह के झगडे में अमृत कुंभ छलक ता,
गंगा यमुना सरस्वती संगम में अमृत गिरत्ता,
अमृतां कराने आया सबको अमिरत पिलाने आया,
आया मेला कुंभ का आया .........

गंगा यमुना सरस्वती  की बहती अमृत धारा,
जो उसमे आशनां करे उसे मिले मोक्ष का द्वारा,
दवादश माधव किरपा करे अक्षय भट छाया पाते,
कुंभ का जल पी कर के वो हरी चरणों मे वस जाते,
भव से मुक्ति दिलाने आया सबको अमृत पिलाने आया,
आया मेला कुंभ का आया .........
श्रेणी
download bhajan lyrics (804 downloads)