झूठे रिश्तो की अब न दरकार है

काम जो थे अटके वो पुरे हो गये,
भाव जो थे आधे वो पुरे हो गये,
हम भी आप के दीवाने हो गये,
जब से तूने जो किये उपकार है,
सुने जीवन में चाई अब बहार है,
झूठे रिश्तो की अब न दरकार है,
जैसे रखोगे हम को स्वीकार है,

किरपा बरसे हां बरसे,
मेरे श्याम की मेरे तन में मन में मस्ती मेरे श्याम की,
आज लगी है लग्न इनके नाम की,
जब से फिसले संभाला परिवार है,
सुने जीवन में चाई अब बहार है,
जब से तुमसे जुड़े दिल के तार है,
सुने जीवन में चाई अब बहार है,

भक्त वो था ऐसा हम तो मजबूर थे,
सुख शांति से हम कोसो दूर थे,
अपने हालातो से हम थक के चूर थे,
जब से तुम पे किया जो एतबार है,
सुने जीवन में चाई अब बहार है,
झूठे रिश्तो की अब न दरकार है,
जैसे रखोगे हम को स्वीकार है,

सोच भी अब मेरी ये सोचने लगी,
आंख भी मेरी ये भेद खोलने लगी,
दिल की धड़कन अब बोलने लगी,
जब से तूने मोहित को दिया प्यार है,
सुने जीवन में चाई अब बहार है,
झूठे रिश्तो की अब न दरकार है,
जैसे रखोगे हम को स्वीकार है,
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