बाबा चाला पाड़ दे

बालाजी  चाला पाड़ दे काढ़ के भूत लुगाइयों के लोगों में बांड़ दें

सारा घर का काम करू मिलै फेर  भी बदनामी,
सुसरा तो मेरा नु कह सै या बोलै मेरे स्याहमी,
ऐसा झाड़ा मार दे
काढ़ के भूत लुगाइयां के लोगों में बांड़  दें
बालाजी चाला पाड़ दे.......

तेरे नाम की ज्योत जगाई पेशी आवै सै
शयाने भूतों की बाबा ना पार बसावै सै
इनका ब्योत बिगाड़ दे
काढ़  के भूत लुगाइयों के लोगों में बांड़ दें
बालाजी चाला पाड़ दे.......

संकट बैरी जोर अजमावै मैं दुख पाई हो
तेरे भवन में बाला जी  मन्ने मर्जी लाई हो
दो ये सोटे गाड  दे
काढ़ के भूत लुगाइयों के  बाड़ दे
बालाजी चाला पाड़ दे.......

अशोक भगत ने बालाजी बस तेरा सहारा सै
लाल लंगोटे वाले आजा जग दुख पा रह्या सै
दुख बच्च्या का  झाड़ दे
काढ़ के भूत लुगाईया के लोगों में बाड़ दे
बालाजी चाला पाड़ दे.......

कुमार सुनील फोक सिंगर
हिसार हरियाणा भारत
98123 01662
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