खेलें कुंज गलिन में श्याम

खेलें कुंज गलिन में श्याम,
होरी फाग मच्यो री भारी,
फाग मच्यो भारी,ओ कान्हा,
फाग मच्यो भारी,
खेले कुंज गलिन में श्याम,
होरी फाग मच्यो री भारी,

गोपिन संग में ग्वालन खेले,
खेल रहे नर नारी,
रंग अबीर उड़ावे कान्हा,
भर के पिचकारी,
खेले कुंज गलिन में श्याम,
होरी फाग मच्यो री भारी,

लुक छिप कान्हा रंग लगावे,
कहु नजर ना आये,
कदे छिपे गोपिन के घर कदे,
चढ़े कदम डारी,
खेले कुंज गलिन में श्याम,
होरी फाग मच्यो री भारी,

छिप गया श्याम कौन नगरी में,
आओ री ढूंढो सखियों सारी नगरी में,
सखियां ल्याई श्याम पकड़ के,
रंग डारयो बृजनारी,
तुलसी कर दिया लाल लाल जो,
सूरत थी कारी,

रंग डारो मैं श्याम,पकड़ के रंग डारो मैं श्याम

लेखक:-रोशनस्वामी"तुलसी"
9610473172 9887339360
श्रेणी
download bhajan lyrics (790 downloads)