करुणा बरसती जहां सुबहो शाम

चलो रे भक्तों तुम दादी के द्वार दादी ने दर पे बुलाया है,
जय भवानी भवानी जय भवानी जय अंबे...।
करुणा बरसती जहां सुबहो शाम दादी ने दर पर बुलाया है,
जय दादी की दादी की जय दादी की जय अंबे...॥

दादी के दर पर जो भी गया दादी ने कर दी उसपे दया,
खुशियों का संसार उसको मिला हर रोज मिलता है जीवन नया ।
मां के चरणों में झुकता संसार...दादी ने घर पर बुलाया है ।।

दादी के मंदिर में जो जाएगा जो कुछ भी मांगे मिल जाएगा,
मैया मेरी है झुंझुनू वाली भक्तों के संकट हरने वाली ।
भरती झोलियां जहां आठों याम...दादी ने घर पर बुलाया है ॥

माया की नगरी को छोड़ प्यारे रिश्ता तू दादी से जोड़ प्यारे,
दादी का गुणगान जो गाएगा ‘‘गिरधर’’ कृपया उनकी पाएगा ।
ब्रह्मा विष्णु भी करते प्रणाम...दादी ने घर पर बुलाया है ॥

रचना एवं स्वर:
गिरधर महाराज,भाटापारा छत्तीसगढ़
मो.9300043737
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