साईं में होता तेरे दर का मोर,

साईं में होता तेरे दर का मोर,
ख़ुशी मनाता दर्शन पाता,
तेरे द्वार पे करता शोर,
साईं में होता तेरे दर का मोर,

मैं तेरे अस्थान का पत्थर होता ,
मैं तेरे चरणों का कंकर होता,
तेरे चरणों को चूमता साईं,
तुम मेरे चितचोर,
साईं में होता तेरे दर का मोर,

साईं मैं तेरे जिस्म के कपडे होता,
पात तेरे शरीर से तेरे लिपटा रहता,
बाँध के अपने सिर पे मुझको देखता आप की और,
साईं में होता तेरे दर का मोर,

साईं मैं तेरे पानी का होता प्याला,
बाबा जादू प्यार का तुमने डाला,
तेरी राह की धुल में होता मेरे कन्हियाँ किशोर,
साईं में होता तेरे दर का मोर,

साईं मैं तेरे द्वार का घंटा होता,
हर दम तेरे द्वार पे भजता रहता,
जी भर के मैं दर्शन करता ,
साईं चंदा मैं चकोर,
साईं में होता तेरे दर का मोर,
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