कलयुग में एक बार कन्हियाँ

कलयुग में एक बार कन्हियाँ ग्वाल बन कर आओ रे,
आज पुकार करे तेरी गइयाँ आके कंठ लगाओ रे,
कलयुग में एक बार कन्हियाँ ग्वाल बन कर आओ रे

जिनको मैंने दूध पिलाया वो ही मुझे सताते है,
चीयर फाड़ कर मेरे बेटे मेरा ही मॉस विकाते है,
अपनों के अभिशाप से मुझको आके आज बचाओ रे,
कलयुग में एक बार कन्हियाँ ग्वाल बन कर आओ रे

चाबुक से जब पीटी जाओ सेहन नहीं कर पाती मैं,
उबला पानी तन पर फेके हाय हाय चिलाती मैं,
बिना काल मैं तिल तिल मरती करुणा जरा दिखाओ रे,
कलयुग में एक बार कन्हियाँ ग्वाल बन कर आओ रे

काहे हम को मूक बनाया घुट घुट कर यु मरने को,
उस पर हाथ दिए न तूने अपनी रक्षा करने को,
भटक गई संतान हमारी रास्ता आन दिखाओ रे,
कलयुग में एक बार कन्हियाँ ग्वाल बन कर आओ रे

एक तरफ तो वशडे मेरे अन धन को उपजाते है,
उसी अन को खाने वाले मेरा वध करवाते है,
हर्ष जरा तुम माँ के वध पे आके रोक लगाओ रे,
कलयुग में एक बार कन्हियाँ ग्वाल बन कर आओ रे
श्रेणी
download bhajan lyrics (899 downloads)