मूर्ख बन्दे क्या है रे जग में तेरा

मूर्ख बन्दे क्या है रे जग में  तेरा,
ये तो सब झूठा सपना है कुछ तेरा न मेरा,
मूर्ख बन्दे क्या है रे जग मै तेरा

कितनी भी माया जोड़ ले कितने भी महल बना ले,
पर तेरे मरने के बाद में सुन तेरे ये घर वाले,
दो ग़ज कफ़न उड़ा  के तुझको छीन ले गे तेरा डेरा,
मूर्ख बन्दे क्या है रे जग मै तेरा...

कोठी बांग्ला कारे देख क्यों तू इतना इतराता  है,
पत्नी और बच्चो के बीच तू फुला नहीं  समाता है,
ये तो चार दिनों के चांदनी है अरे फिर आएगा अँधेरा,
मूर्ख बन्दे क्या है रे जग मै तेरा.......

मूरख अपनी मुकति का तू जल्दी कर उपाए,
अरे किसी दिन किसी घडी जाने तेरी बाह पकड़ ले जाए,
तेरे साथ में घूम रहा है बनकर काल लुटेरा,
मूर्ख बन्दे क्या है रे जग मै तेरा....

पाप कम्या तूने बहुत अब थोड़ा धर्म कमाले,
कुछ तो समय अब मानव तू राम नाम गन गा ले,
राम नाम से मिट जायेगा जन्म मरण का फेरा,
मूर्ख बन्दे क्या है रे जग मै तेरा
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