कीर्तन का शोंक चढ़ा था

कीर्तन का शोंक चढ़ा था बाबा आदत हो गई,
तेरे चरणों में सावरिया सिल्वर जुबली हो गई,

सुरवात याद जब है आती तो आंखे नम हो जाती,
तुम सामने बैठ के सुनते तुमसे ही लोह लग जाती,
फिर रोज रोज का आना हिदायत हो गई,
तेरे चरणों में सावरिया सिल्वर जुबली हो गई,

दिन में भजनो को लिख के हम मन मन ही दोहराये,
इंतज़ार करते थे कब रात हो मंदिर जाए,
वो पल पल श्याम धनि की इबादत हो गई,
तेरे चरणों में सावरिया सिल्वर जुबली हो गई,

बाबा परीतस्वारो में बाबा मैंने जो कुछ भी पाया,
वो सब तेरी किरपा ही तूने ही प्यार लुटाया,
पापु शर्मा को आप से उल्फत हो गई
तेरे चरणों में सावरिया सिल्वर जुबली हो गई,
download bhajan lyrics (819 downloads)